चौथे चरण का चुनाव भी कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के लिए सुखद संदेश लेकर आ रहा है. इस दौर में देश के दस राज्यों की 96 लोकसभा सीटों पर चुनाव है. कांग्रेस और इंडिया गठबंधन को इन सीटों में से 57 सीटों पर बढ़त मिलती साफ नज़र आ रही है. इस दौर में एनडीए गठबंधन को होने वाले नुकसान की भरपाई अगले तीन चरणों में नामुमकिन हो गई है.
हमारी टीम ने जनपोल अभियान के तहत सभी 10 राज्यों में 45000 लोगों से बातचीत कर चौथे चरण के चुनाव को लेकर मतदाताओ की राय ली. इस सर्वेक्षण से जानकारी मिली है कि देश भर में मोदी सरकार की नीतियों, बेरोजगारी और महंगाई को लेकर भारी असंतोष है. इस सत्ताविरोधी लहर का लाभ कांग्रेस और इंडिया गठबंधन को मिलता नज़र आ रहा है.
इस चरण में तेलंगाना की 17, आंध्र प्रदेश की 25, बिहार की 5, जम्मू कश्मीर की 1, झारखंड की 4, मध्य प्रदेश की 8, महाराष्ट्र की 11, ओडिशा की 4,पश्चिम बंगाल की 8 और उत्तर प्रदेश की 13 लोकसभा सीटों पर चुनाव है. इन 96 सीटों पर 13 मई को मतदान के साथ देश के 18 राज्य और 4 केंद्र शासित प्रदेशों में लोकसभा चुनाव की वोटिंग खत्म हो जाएगी.
इस चरण के चुनाव में कांग्रेस कई उन सीटों पर जीत दर्ज करने जा रही है, जहां बीजेपी लंबे वक्त से काबिज रही है.
जनपोल अभियान के तहत किए गए सर्वेक्षण से मालूम हुआ है कि हिंदी भाषी क्षेत्र में बेरोजगारी और महंगाई सबसे अहम मुद्दा रहा है.
इलेक्टोरल बांड के जरिए दुनिया के सबसे बड़े वसूली रैकेट को लेकर कांग्रेस का प्रचार अभियान गांव-गांव तक पहुंच गया है
वहीं कांग्रेस का न्याय पत्र भी युवाओं, महिलाओ, किसानों, श्रमिकों और गरीब वर्ग के लिए बड़ी उम्मीद ले कर आया है. न्याय पत्र ने पहली बार जमीनी मुद्दों के समाधान को लेकर मतदाताओं में नई आस जगाई है.
वहीं हिस्सेदारी न्याय ने कांग्रेस के साथ बहुत बड़ा नया वोटबैंक जोड़ा है. इस बार पढ़े-लिखे शिक्षित वर्ग के अलावा पिछड़ा वर्ग, दलित और आदिवासी कांग्रेस से बड़ी तादाद में जुड़े हैं.
सर्वेक्षण के मुताबिक मतदाताओं को न्याय पत्र पर अमल को लेकर राहुल गांधी पर भरोसा जमा है.
वहीं, अगर राज्यवार देखा जाए तो जम्मू-कश्मीर की श्रीनगर सीट पर इंडिया गठबंधन की जीत तय है. 370 हटा कर जम्मू-कश्मीर को मुख्य धारा में शामिल करने का दावा करने वाली बीजेपी इस बार सूबे में चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा सकी.
वहीं, मध्य प्रदेश में 2019 के आम चुनाव मे अपने सांप्रदायिक एजेंडे से चौथे चरण की 8 सीटों पर बीजेेपी काबिज हो गई थी. लेकिन इस बार इनमें से कांग्रेस को 4 सीटें मिलने जा रही हैं.
यहां कांग्रेस रतलाम, खरगौन, धार और खंडवा की सीट पर मजबूत स्थिति में दिखाई पड़ रही है.
मध्य प्रदेश में आदिवासियों का कांग्रेस के प्रति रुझान बढ़ा है. वहीं युवा वर्ग बेरोजगारी को बड़ा मुद्दा मानता है.
चौथे चरण में उत्तर प्रदेश की 13 सीटों में से इंडिया गठबंधन 7 सीटों पर आगे चल रहा है तो एनडी को 5 सीटें मिलती नज़र आ रही हैं. एक सीट अन्य के खाते में जाती दिख रही है. जबकि पिछली बार इन सभी सीटों पर बीजेपी को जीत हासिल हुई थी.
यहां सीट बंटवारे में हिस्से में आई कानपुर सीट पर कानपुर में एकदम तय मानी जा रही है.
बिहार की 5 सीटों पर हो रहे चुनाव में 3 सीट इंडिया गठबंधन और एनडीए को 2 सीटें मिलने की उम्मीद है. जिनमें से एक सीट पर बीजेपी और एक पर जेडीयू आगे है. पिछली बार बीजेपी को 3 और जेडीयू-एलजेपी को एक- एक सीट मिली थी. यहां महागठबंधन एनडीए को कड़ी चुनौती दे रहा है. समस्तीपुर सीट कांग्रेस के खाते में जाती दिख रही है.
महाराष्ट्र में इंडिया का तूफान उठ रहा है. जहां 11 सीटों पर हो रहे मतदान में से 7 पर इंडिया आगे है और एनडीए को सिर्फ 4 सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है. पिछली बार नंदूरबार समेत 7 सीटें बीजेपी की खाते में गईं थीं. अविभाजित शिवसेना को दो, अविभाजित एनसीपी और एआईएमआईएम को एक-एक सीट मिली थी.
यहां दो बार पहुंची राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने कांग्रेस के लिए खासी ज़मीन तैयार कर दी है. वहीं शिवसेना की सरकार गिराने, उद्धव ठाकरे औऱ शरद पवार की पार्टियों में तोड़फोड़ से भी एनडीए की छवि खराब हुई है. प्रियंका गांधी की चुनावी रैली में जुटे विशाल जनसमूह ने नंदूरबार की सीट पर कांग्रेस की जीत पहले ही तय कर दी है.
वहीं झारखंड की चार सीटों में से 3 साफ तौर पर इंडिया गठबंधन में जाती नज़र आ रही हैं, वहीं बीजेपी को एक सीट पर संतोष करना पड़ रहा है. जबकि पिछली बार ये सममीकरण उल्टा था. बीजेपी को 3 और कांग्रेस को महज एक सीट से संतोष करना पड़ा था. प्रदेश के पूर्व मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी ने इंडिया गठबंधन के लिए सहानुभूति लहर पैदा कर दी है. यहां खूंटी और लोहरदगा की सीट इंडिया के खाते में आना एकदम तय है.
तेलंगाना के त्रिकोणीय मुकाबले में इंडिया गठबंधन को भारी जनसमर्थन मिलता नज़र आ रहा है. यहां चौथे चरण में 17 सीटों पर होने वाले मतदान में 13 सीटें इंडिया गठबंधन के खाते में तो 2-2 सीटों पर एनडीए और भारत राष्ट्र समिति को बढ़त मिल रही है.
रेवंत रेड्डी सरकार के घोषणा पत्र पर समयबद्ध अमल ने राज्य की जनता को कांग्रेस के लिए भरोसा पैदा किया है.
यहां आदिलाबाद,ज़ाहिराबाद,चेवेल्ला,मलकागिरि, महबूबाबाद,नागरकुर्नूल और खम्मम सीटों पर कांग्रेस आगे चल रही है.
आंध्र प्रदेश की 25 सीटों में त्रिकोणीय मुकाबला है. यहां इंडिया गठबंधन को 13, वाईएसआर कांग्रेस को 9 और एनडीए को 3 सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं. पिछली बार वाईएसआर कांग्रेस ने इनमें से 22 सीटें जीती थीं और तेलुगुदेशम पार्टी को 3 सीटों पर संतोष करना पड़ा था. यहां कडप्पा सीट पर कांग्रेस की जीत लगभग तय मानी जा रही है.
प.बंगाल की 8 सीटों पर हो रहे चुनाव में 4 पर इंडिया गठबंधन और 2-2 सीटों पर एनडीए और तृणमूल कांग्रेस आगे चल रही है. यहां टीएमसी इंडिया गठबंधन के साथ जरूर है लेकिन सीटों का तालमेल नहीं हो पाया था. पिछली बार टीएमसी ने 5, बीजेपी ने 2 और कांग्रेस को 1 सीट मिली थी. इस बार राज्य में कांग्रेस का वाम मोर्चा के साथ तालमेल है.
ओडिशा में भी इस बार इंडिया गठबंंधन को जनसमर्थन मिल रहा है. यहां चौथे चरण की 4 सीटों पर इंडिया को 2 सीटें और बीजेपी- बीजू जनता दल को 1-1 सीट में संतोष करना पड़ सकता है. पिछली बार बीजेडी को 2 और कांग्रेस-बीजेपी को 1-1 सीट ही मिल सकी थी.
चौथे चरण के मतदान के साथ 379 लोकसभा सीटों के लिए चुनाव पूरे हो जाएंगे.जनपोल अभियान के सर्वेक्षण के मुताबिक बाकी तीन चरणों की 163 सीटों पर इंडिया गठबंधन बहुत मजबूत स्थिति में है.