एक न्यूज़ रिपोर्ट से पता चला है कि अडानी ने इंडोनेशिया से सस्ता और घटिया कोयला खरीद कर देश में धोखाधड़ी करके महंंगे और ऊंची क्वालिटी कोयले की दर पर बेच कर 3 हजार करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया और आम जनता की जेब काटी गई. साथ ही उनकी सेहत से भी खिलवाड़ किया गया.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि भाजपा सरकार में भीषण कोयला घोटाला सामने आया है. उन्होंने ये भी कहा कि 4 जून के बाद INDIA की सरकार इस महाघोटाले की जांच कर जनता से लूटी गई पाई-पाई का हिसाब करेगी.
पिछली बार भी अडानी से जुड़े कोयला आयात में 12 हजार करोड़ के घोटाले का खुलासा होने पर भी राहुल गांधी ने पीएम मोदी को आड़े हाथों लिया था.
वहीं, अब ब्रिटेन के मशहूर अखबार फाइनेंशियल टाइम्स ने खुलासा किया है कि अडानी ने इंडोनेशिया से 28 डॉलर प्रति टन के हिसाब से 3,500 कैलोरी वाला कोयला खरीदा. कोयला भारत तक पहुँचते पहुँचते अपने आप 6,000 कैलोरी का हो गया और उसकी कीमत बढ़कर 92 डॉलर प्रति टन हो गई. कोयले का ऐसे शिपमेंट्स तमिलनाडु जेनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (Tangedco) को बेच कर मोटा मुनाफा कमाया गया.
ऑर्गनाइज़्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट यानी ओसीसीआरपी की पड़ताल पर आधारित रिपोर्ट में बताया गया है कि इसमें धोखाधड़ी की गुंजाइश इसलिए है क्योंकि दक्षिण कालीमंतन खनन के इलाक़े से जहाज पर लोड किए इस कोयले का बिल कोयला इंडोनेशियाई खनन समूह पीटी झोनलिन ने 28 डॉलर प्रति टन के हिसाब से ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स स्थित सुप्रीम यूनियन इन्वेस्टर्स के पास भेजा गया.
हफ्ते भर बाद सुप्रीम यूनियन इन्वेस्टर्स ने सिंगापुर में अडानी को उसी 3,500 कैलोरी वाले कोयले के लिये 34 डॉलर प्रति टन का बिल भेजा.
उसके बाद अडानी ने जो Tangedco को बिल दिया उसमें उसी कोयले की गुणवत्ता को बढ़ाकर 6,000 कैलोरी कर दिया गया और दाम बढ़ा कर 92 डॉलर प्रति टन कर दिए गए. रिपोर्ट के मुताबिक 2012 और 2016 के बीच Tangedco को कोयले की खरीद में अडानी की धोखाधड़ी के चलते 3,000 करोड़ रुपये का नुक़सान हुआ.
वहीं घटिया कोयले के प्रदूषण सेे आम लोगों की सेहत से भी खिलवाड़ किया गया. लांसेट की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल वायु प्रदूषण से 22 लाख से ज़्यादा लोग मारे जाते हैं, जिसमें सबसे ज़्यादा मौतें बच्चों की होती हैं.
एफटी की रिपोर्ट के मुताबिक ओवर-इनवॉयस वाले कोयले से लाभ सीधे तौर पर अडाणी ग्रुप को नहीं मिला, बल्कि यह उन कंपनियों को मिला जो कथित तौर पर ग्रुप में गुप्त शेयरधारक (Secret Shareholders) थीं.
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी से इस कोयला घोटाले की जांच की मांग की है. कांग्रेस ने कहा है कि ओसीसीआरपी की पिछली रिपोर्ट से पता चला है कि कोयला घोटाले की इस फर्जी बिलिंग में अडानी के करीबी सहयोगी नासिर अली शाबान अहली और चांग चुंग-लिंग शामिल हैं.
इस धोखाधड़ी से मिले धन का अडानी समूह की अवैध हिस्सेदारी हासिल करने और उनके शेयर के बाजार भाव बढ़ाने के लिए किया गया है. कांग्रेस के मुताबिक ये पब्लिक रिकॉर्ड में है ओवर बिलिंग के आरोपियों की गिरफ्तारी हुई और ईडी ने उनकी संपत्तियां कुर्क भी की गई. लेकिन मोडानी के खिलाफ कोई जांच नहीं हुई.
फर्जी कंपनियों के जरिए काले धन को भारत ला कर अपने शेयरों के भाव बढ़ाने और व्यावसायिक धोखाधड़ी को लेकर शॉर्टसेलर कंपनी हिंडनबर्ग ने अडानी पर आरोप लगाए थे. लेकिन धमकी दे ने के बावजूद गौतम अडानी हिंडनबर्ग के खिलाफ अदालत नहीं जा पाए थे.
राहुल गांधी ने कोयले घोटाले को लेकर हुए ताजा खुलासे के बाद प्रेस कांफ्रेंस की और बताया कि इंडिया गठबंधन की सरकार बनते ही संयुक्त संसदीय समिति से मामले की जांच कराई जाएगी.
ओसीसीआरपी की पहली रिपोर्ट में बताया गया था कि 2019 से 2021 के बीच इंडोनेशिया सेे मंगाई गई तीस खेप में कोयले की कीमत 70 मिलियन डॉलर बढ़ाई गई थी. अब कोयले की क्वालिटी को लेकर 3000 करोड़ के घोटाले का मामला सामने आया है.
गौतम अडानी ग्रुप की कंपनियों पर आरोप है कि उन्होंने सालों तक आयातित कोयले की कीमत बढ़ा चढ़ा कर गुजरात और महाराष्ट्र की बिजली कंपनियों को हजारों करोड रुपए का चूना लगाया है.
राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने 2016 में एक सर्कुलर जारी कर कहा था कि इंडोनेशिया से कोयला आयात के कथित ओवर-इनवॉइसिंग के लिए अडाणी समूह की पांच कंपनियों सहित 40 संस्थाओं की जांच की जा रही है. एजेंसियों ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि उन्हें सिंगापुर से इस बारे में तथ्य और दस्तावेज़ जुटाने की अनुमति दी जाए.
लेकिन अडानी एंटरप्राइजेज और इसकी सहयोगी कंपनियों ने भारत और सिंगापुर में इन दस्तावेजों को नहीं जाहिर करने से संबंधित लड़ाई जीत ली थी. अडानी ग्रुप ने कहा है कि इस मामले में कोई गड़बड़ी नहीं है और पोर्ट से रिलीज किए जाने से पहले भारतीय अधिकारियों ने कोयले की शिपमेंट और उसकी कीमत का आकलन कर लिया था. 9 अक्टूबर के एक लीगल फीलिंग में रेवेन्यू इंटेलिजेंस ने भारत के सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वह निचली अदालत के उसे आदेश को खारिज कर दें जिसमें आदेश दिया गया था कि अडानी ग्रुप सिंगापुर में मौजूद दस्तावेज प्रशासन को देने के लिए बाध्य नहीं है.
जनता की जेब से मुनाफा निकालने की शर्त
अडानी पावर ने गुजरात उर्जा विकास निगम से बिजली खरीद के लिए जो समझौता किया था उसमें इंडोनेशिया से आयातित कोयले को लेकर एक शर्त रखी गई थी कि अगर कोयले की कीमत बढ़ती है तो अडानी पावर बिजली के भाव बढ़ा सकती है.
आरोप है कि पिछले 5 सालों के दौरान कोयले के भाव में बदलाव की पुख्ता जानकारी और सबूत दिए बिना अडानी पावर ने गुजरात ऊर्जा विकास निगम से बिजली के अधिक भाव वसूल लिए हैं. इस प्रक्रिया में उसके पास करीब 3900 करोड़ रुपए अधिक आ गए हैं. गुजरात ऊर्जा विकास निगम ने अडानी पावर से इस पैसे की रिकवरी के लिए नोटिस भेजा था.
समझा जा रहा है कि अदानी समूह ने 2021-2023 के बीच बाजार भाव से कहीं ज्यादा दाम पर आयातित कोयले के लिए बिचौलियों को 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर यानि 4,16,36,40,00,000 रुपए से अधिक का भुगतान किया है.
राहुल गांधी ने अडानी पर घोटालों के आरोपों की जांच की मांग करते हुए प्रधानमंत्री मोदी से लोकसभा में पूछा था कि 20 हजार करोड़ रुपए किसके हैं. कोयला आयात में हुए 12 हजार करोड़ के धोखाधड़ी को लेकर उन्होंने 32 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया था.
वहीं दिलचस्प बात ये है कि पीएम मोदी ने अपने चुनाव प्रचार में कहा कि अडानी-अंबानी कांग्रेस को टैंपो में भर-भर कर पैसे भेज रहे हैं.
इसके बाद कांग्रेस हमलावर हो गई है. राहुल गांधी ने भी इस आरोप की जांच कराने की मांग की है. वहीं मोदी के बयान से जाहिर है कि वो अप्रत्यक्ष रूप से अडानी-अंबानी पर काला धन रखने का आरोप लगा रहे हैं.
अब आयातित कोयला घोटाले को लेकर हुए ताजे खुलासे से आम चुनाव में अडानी और मोदी यानि मोडानी के रिश्ते एक बार फिर सुर्खियों में हैं.